ECI ने कहा-प्रेजेंटेशन में दिखाया डेटा हमारा नहीं, वोट चोरी के आरोपों पर हलफनामा दें या देश से माफी मांगे
नई दिल्ली. चीफ इलेक्शन कमिश्नर ज्ञानेश कुमार ने चुनाव आयोग नई दिल्ली के नेशनल मीडिया सेंटर में प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी का बिना नाम लिए बिना कहा- पीपीटी प्रेजेंटेशन में दिखाया डेटा हमारा नहीं है. वोट चोरी के आरोपों पर हलफनामा दें या देश से माफी मांगे. 7 दिन में हलफनामा नहीं मिला तो आरोपों को निराधार समझा जाएगा.
वोटर लिस्ट में गड़बड़ियां
राहुल के सवाल, आरोप और मांग
सवाल:
- बीजेपी पर एंटी-इंकंबेंसी (विरोधी माहौल) का असर नहीं होता, जबकि बाकी दल इससे प्रभावित होते हैं।
- पहले कम तकनीक में चुनाव जल्दी हो जाते थे, अब महीनों तक चलते हैं। एक दिन में चुनाव क्यों नहीं होते?
- चुनाव आयोग इलेक्ट्रॉनिक डेटा क्यों नहीं देता। जानबूझकर ऐसी वोटर लिस्ट देता है जिसे मशीन से नहीं पढ़ा जा सके।
आरोप:
- चुनाव आयोग CCTV फुटेज नहीं देता ताकि कोई सबूत न बचे।
- आयोग सबूतों को छुपा रहा है और फर्जी वोटिंग रोकने के प्रयास नहीं कर रहा।
- मांगें:
- न्यायपालिका को इस मामले में दखल देना चाहिए।
- चुनाव आयोग को चुनाव की रक्षा करनी चाहिए, न कि किसी पार्टी को जिताने का माध्यम बनना चाहिए।
एक पार्टी के साथ सांठगांठ के आरोपों पर ईसीआई ज्ञानेश कुमार ने कहा- हमारे लिए न कोई पक्ष और न विपक्ष है. सभी राजनीतिक दल बराबर हैं. अगर सही समय पर त्रुटि हटाने का आवेदन न हो और फिर वोट चोरी जैसे गलत शब्दों का इस्तेमाल कर जनता को गुमराह किया जाए तो ये लोकतंत्र का अपमान है.
ईसीआई ने कहा- कुछ मतदाताओं ने वोट चोरी के आरोप लगाए, सबूत मांगने पर जवाब नहीं मिला. ऐसे आरोपों से इलेक्शन कमीशन नहीं डरता है. जब चुनाव आयोग के कंधे पर बंदूक रखकर मतदाताओं को निशाना बनाया जा रहा हो तो हम स्पष्ट करते हैं कि चुनाव आयोग निडरता के साथ गरीब, अमीर, बुजुर्ग, महिला, युवा समेत सभी धर्मों-वर्गों के लोगों के साथ चट्टान के साथ खड़ा है, खड़ा था और खड़ा रहेगा.
दरअसल, राहुल ने 7 अगस्त को ECI पर वोट चोरी के आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा था, वोट चोरी हो रहे हैं. हमारे पास सबूत है कि चुनाव आयोग चोरी में शामिल है. वे भाजपा के लिए ऐसा कर रहे हैं.