ग्रेटर नोएडा दहेज कांड: “पहले थप्पड़ मारा, फिर आग लगा दी” – बेटे की आँखों के सामने मां की हत्या

ग्रेटर नोएडा दहेज कांड: "पहले थप्पड़ मारा, फिर आग लगा दी" – बेटे की आँखों के सामने मां की हत्या

36 लाख के दहेज की मांग ने छीन ली मां की जान, मासूम बेटे ने देखा दर्दनाक मंजर

आग में झुलसती महिला का दिल दहला देने वाला वीडियो

एक वीडियो में महिला आग में झुलसी हुई सीढ़ियों से नीचे उतरती दिखती है। यह दृश्य उस समय का है जब उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले जाया जा रहा था। लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।

बेटे ने बताया पूरा हादसा

  • मासूम बेटे ने कहा: “पहले मम्मी पर कुछ डाला, फिर थप्पड़ मारा और लाइटर से जला दिया।”
  • जब उससे पूछा गया कि क्या उसके पिता ने मां को मारा, तो उसने सिर हिलाकर हां कहा।

36 लाख के दहेज की मांग ने ली जान

  • पीड़िता निक्की की शादी को 9 साल हो चुके थे।
  • पति विपिन भाटी और ससुराल पक्ष लगातार 36 लाख रुपये की मांग कर रहे थे।
  • जब मांग पूरी नहीं हुई, तो निक्की को जिंदा जला दिया गया

बहन की आंखों के सामने जली निक्की

  • निक्की की बहन कंचन, जो उसी परिवार में ब्याही गई थी, ने बताया: “उन्होंने कहा, ‘एक को दहेज मिल गया, दूसरे का क्या? तू मर ही जाती तो अच्छा होता। हम दोबारा शादी कर लेंगे।’ और उन्होंने निक्की को आग लगा दी।”
  • कंचन को भी गुरुवार तड़के 1:30 से 4:00 बजे के बीच पीटा गया

हमले के वीडियो वायरल

  • एक वीडियो में पति और सास मिलकर निक्की को बाल पकड़कर घसीटते और पीटते हुए दिखते हैं।
  • दूसरा वीडियो निक्की को जमीन पर बैठा हुआ और गंभीर रूप से झुलसा हुआ दिखाता है।

इलाज के दौरान मौत

  • पड़ोसियों की मदद से निक्की को फोर्टिस अस्पताल ले जाया गया।
  • वहां से उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर किया गया, लेकिन उसने रास्ते में दम तोड़ दिया।

FIR दर्ज, पति गिरफ्तार

  • कासना पुलिस स्टेशन में निक्की की बहन की शिकायत पर केस दर्ज हुआ है।
  • आरोपी:
    • पति विपिन भाटी (गिरफ्तार)
    • देवर रोहित भाटी
    • सास दया भाटी
    • ससुर सत्यवीर भाटी
    • बाकी तीनों फरार हैं।

न्याय की मांग को लेकर प्रदर्शन

  • बड़ी संख्या में लोग कासना थाने के बाहर जुटे और “Justice for Nikki” के पोस्टर लेकर न्याय की मांग की।

यह घटना न केवल दहेज प्रथा की भयावहता दिखाती है, बल्कि उस मासूम बच्चे की पीड़ा भी उजागर करती है, जिसने अपनी मां को जिंदा जलते देखा। निक्की के लिए न्याय सिर्फ कानूनी जिम्मेदारी नहीं, बल्कि सामाजिक जवाबदेही भी बन गया है।