जीएसटी में होगा बड़ा बदलाव: 4 की जगह अब सिर्फ 2 टैक्स स्लैब, नवरात्रि में मिल सकता है बड़ा तोहफा

जीएसटी में होगा बड़ा बदलाव: 4 की जगह अब सिर्फ 2 टैक्स स्लैब, नवरात्रि में मिल सकता है बड़ा तोहफा

सरकार 12% और 28% वाले टैक्स स्लैब को खत्म करने की तैयारी में है; जानिए आम आदमी को क्या फायदा होगा

त्योहारों के इस मौसम में केंद्र सरकार आम आदमी को एक बड़ा तोहफा देने की तैयारी में है। खबरों के मुताबिक, सरकार नवरात्रि तक जीएसटी की नई दरें लागू कर सकती है, जिससे कई चीजें सस्ती हो सकती हैं। आज, 3 सितंबर को, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में टैक्स सिस्टम को आसान बनाने पर चर्चा की गई।

जीएसटी सिस्टम क्यों बदल रहा है?

पिछले 8 सालों के डेटा से पता चला है कि वर्तमान जीएसटी सिस्टम में बदलाव की जरूरत है।

  • 18% स्लैब का दबदबा: सरकार की कुल जीएसटी कमाई का लगभग 67% हिस्सा अकेले 18% वाले स्लैब से आता है।
  • 12% स्लैब की कम कमाई: वहीं, 12% वाले स्लैब से सबसे कम, सिर्फ 5% की कमाई होती है।
  • 28% स्लैब का असर: 28% वाले स्लैब से 11% और 5% वाले स्लैब से 7% की कमाई होती है।

इन आंकड़ों को देखते हुए, मंत्रियों के एक समूह ने टैक्स सिस्टम को आसान बनाने का सुझाव दिया है।

क्या है नया प्लान?

सरकार का प्लान 4 टैक्स स्लैब को घटाकर 2 करना है।

  • हटाए जाने वाले स्लैब: सरकार 12% और 28% स्लैब को खत्म करना चाहती है। 12% से कम कमाई होती है, जबकि 28% टैक्स लग्जरी चीजों को महंगा बनाता है, जिससे लोग कार, फ्रिज और टीवी जैसी चीजें खरीदने से कतराते हैं।
  • रहने वाले स्लैब: अगर यह बदलाव होता है, तो देश में मुख्य रूप से सिर्फ दो स्लैब – 5% और 18% – रह जाएंगे। ज़्यादातर सामान इन्हीं दो स्लैब में आ जाएगा।

आम आदमी को क्या फायदा होगा?

  • चीजें होंगी सस्ती: जो चीजें अभी 28% टैक्स स्लैब में हैं (जैसे कार, मोटरसाइकिल, टीवी, फ्रिज और एसी) वे 18% वाले स्लैब में आ सकती हैं, जिससे उनकी कीमतें काफी कम हो जाएंगी।
  • बचत और खरीदारी बढ़ेगी: जब चीजें सस्ती होंगी, तो लोग ज्यादा खरीदारी करेंगे और मध्यमवर्गीय परिवारों की बचत भी बढ़ेगी।
  • नई नौकरियाँ मिलेंगी: मांग बढ़ने पर कंपनियों को अधिक लोगों को काम पर रखना होगा, जिससे ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे सेक्टर में नई नौकरियाँ पैदा हो सकती हैं।

चुनौतियों पर भी हो रही है चर्चा

इस बदलाव को लागू करना इतना आसान नहीं होगा। जीएसटी काउंसिल की बैठक में सभी राज्यों की सहमति जरूरी है। कुछ गैर-बीजेपी शासित राज्य, जैसे तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल, इसका विरोध कर सकते हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि टैक्स कलेक्शन कम होने से उनकी कमाई घट सकती है। इन चुनौतियों के बावजूद, सरकार का मानना है कि लंबे समय में यह बदलाव अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद होगा।