झूठे NRI दस्तावेजों के सहारे 18,000 से ज्यादा MBBS एडमिशन घोटाला पकड़ा गया

झूठे NRI दस्तावेजों के सहारे 18,000 से ज्यादा MBBS एडमिशन घोटाला पकड़ा गया

ED ने प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में नकली NRI प्रमाण पत्र के जरिए दाखिले कराने वाले बड़े जाल को किया उजागर

भारी MBBS दाखिला घोटाला फाश, छात्र इस्तेमाल कर रहे थे नकली NRI दस्तावेज

एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है, जिसमें प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में NRI कोटा के तहत छात्रों को नकली दस्तावेज दिखाकर दाखिला दिलाया जा रहा था।

जांच में क्या खुलासा हुआ?

  • विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावासों की मदद से ED ने पाया कि लगभग 18,000 छात्रों को MBBS में प्रवेश नकली NRI दस्तावेजों के जरिए मिला।
  • एजेंटों ने नकली NRI दस्तावेज जैसे दूतावास के कागजात और फर्जी परिवार के पेड़ तैयार कर कॉलेजों को दिए।
  • कई मामलों में एक ही दस्तावेज कई छात्रों के लिए इस्तेमाल किए गए।
  • कुछ असली NRI उम्मीदवार भी इस जाल में शामिल थे, जिन्होंने अपने नाम एजेंटों को दिए ताकि उनका उपयोग किया जा सके।
  • छापेमारी के दौरान कई नकली NRI सर्टिफिकेट और अमेरिका के नोटरी अधिकारियों के स्टाम्प भी बरामद हुए।

फीस भुगतान में भी गड़बड़ी

  • नियमों के मुताबिक, NRI कोटा से दाखिला लेने वाले छात्रों की फीस उनके NRI रिश्तेदारों द्वारा ही दी जानी चाहिए।
  • ED की जांच में पता चला कि अधिकांश मामलों में फीस NRI परिवार के सदस्यों द्वारा नहीं दी गई।

राज्य सरकारों की भूमिका

  • पश्चिम बंगाल और ओडिशा की सरकारों ने MEA से नकली NRI दस्तावेजों के बारे में साफ-साफ सूचना मिलने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की।
  • ED ने कई कॉलेजों और संबंधित व्यक्तियों की संपत्तियां जब्त की हैं, जिनमें एक पश्चिम बंगाल के प्राइवेट कॉलेज की 6.42 करोड़ रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट भी शामिल है।

ED की मुख्य बातें

  • “MEA द्वारा कुछ NRI प्रायोजकों के नकली होने की स्पष्ट जानकारी देने के बावजूद संबंधित राज्य प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की,” ED ने कहा।
  • विदेशी भारतीय दूतावासों ने भी बताया कि कई नकली NRI सर्टिफिकेट प्रायोजकों के नाम से इस्तेमाल किए गए, जो पूरी तरह से जाली थे।

यह घोटाला भारतीय मेडिकल शिक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता को चुनौती देता है और इस पर कड़ी निगरानी और कड़ी कार्रवाई की जरूरत है। नकली दस्तावेजों का इस्तेमाल रोकने के लिए भारत सरकार और राज्य प्रशासन को मिलकर सख्त कदम उठाने होंगे ताकि सही उम्मीदवारों को न्याय मिल सके।

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