Viral video : किम जोंग के गार्ड पुतिन से मुलाकात के बाद कुर्सी और ग्लास से फिंगर प्रिंट और साबूत मिटाते हुए वीडियो में हुआ कैद

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गार्ड क्यों करते हैं किम जोंग की कुर्सी साफ, झुठा गिलास भी ले जाते हैं साथ
जानकारों का मानना है कि यह रूस या चीन की जासूसी से बचने की कोशिश हो सकती है, या किम अपनी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी छिपाना चाह रहे हों. किसी नेता के DNA और स्वास्थ्य की गुप्त जानकारी उसके उंगलियों के निशान और मल मूत्र से पता लगाई जा सकती है.
उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन देश से बाहर बहुत कम यात्रा करते हैं. रूस और चीन के अलावा उन्हें किसी और देश की यात्रा करते हुए कम ही बार देखा गया है. किम जोंग जब भी किसी नेता से मुलाकात करते हैं, तो उनकी सुरक्षा का खास ध्यान रखा जाता है और दूसरे देश में भी उनके ही गार्ड्स सुरक्षा पर नजर रखते हैं.

किम जोंग उन ने बुधवार को चीन की राजधानी बीजिंग में रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की. डेली मेल के मुताबिक इस मुलाकात के बाद, किम जोंग के सुरक्षाकर्मी उनका इस्तेमाल किया हुआ गिलास अपने साथ ले गए. साथ ही ऐसे सभी निशान मिटा दिए, जहां से किम का DNA लिया जा सकता था.

कुर्सी से लेकर मेज भी की साफ

किम के गार्ड ने कुर्सी और मेज की भी अच्छी तरह सफाई की जिस पर किम बैठे थे. रूसी पत्रकार अलेक्जेंडर युनाशेव ने बताया कि मुलाकात के बाद, कुर्सी, मेज और आसपास की चीज़ों को इस तरह से साफ किया गया कि उन पर किम का कोई निशान न रह जाए.

जानकारों का मानना है कि यह रूस या चीन की जासूसी से बचने की कोशिश हो सकती है, या किम अपनी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी छिपाना चाह रहे हों. किसी नेता के DNA और स्वास्थ्य की गुप्त जानकारी उसके उंगलियों के निशान और मल मूत्र से पता लगाई जा सकती है.

मल-मूत्र और फिंगर प्रिंट क्यों मिटाती हैं सुरक्षा एजेंसियां?

  • किसी के भी गुप्त दस्तावेज़ों तक पहुंचने के लिए फिंगरप्रिंट का इस्तेमाल किया जा सकता है. फोन, लैपटॉप और गुप्त स्थानों में एंट्री के लिए भी फिंगरप्रिंट का इस्तेमाल किया जाता है.
  • किसी भी देश के नेता का स्वास्थ्य को ‘बहुत गोपनीय’ माना जाता है. अगर यह जानकारी बाहर आ जाती है, तो दुश्मन देश उनकी कमजोरियों का फायदा उठा सकते हैं.
  • विदेशी एजेंसियां राष्ट्रपति की कमजोर या बीमार छवि बनाने के लिए स्वास्थ्य रिपोर्ट लीक कर सकती हैं. इससे घरेलू राजनीति और जनता का विश्वास डगमगा सकता है.

यही कारण है कि दुनिया के कई देशों की सुरक्षा एजेंसियां विदेश यात्राओं के दौरान अपने नेताओं के फिंगरप्रिंट साफ करती हैं और उनका मल-मूत्र वापस ले जाती हैं