“लिंगायत समुदाय हिंदू धर्म का हिस्सा नहीं!”, कर्नाटक में जातिगत सर्वे से पहले CM सिद्धारमैय्या की बड़ी मांग

Lingayats not part of Hindu religion, big stir in Karnataka politics for dividing Hindu votes

Karnataka Caste Survey: कर्नाटक में पिछली बार हुए सर्वे में लिंगायत समुदाय की संख्या राज्य की कुल जनसंख्या के 11 परसेंट थी, यह आंकड़ा 18 प्रतिशत एससी आबादी और 13 फीसद मुस्लिम जनसंख्या से काफी कम है.
कर्नाटक में होने वाले सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण को लेकर रविवार (7 सितंबर, 2025) को एक नया मामला सामने आया है. लिंगायतों की एपेक्स बॉडी ने कर्नाटक के प्रभावशाली समुदाय के सदस्यों से आगामी सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण में खुद को वीरशैव-लिंगायत के रूप में अपनी पहचान बताने को कहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि राजनीतिक रूप से प्रभावशाली इस समुदाय के लोग हिंदुओं से अलग एक अलग धर्म के रूप में मान्यता देने की मांग कर रहे हैं.

इस संबंध में आधिकारिक पत्र 22 सितंबर से शुरू होने वाली जातिगत गणना प्रक्रिया से कुछ सप्ताह पहले ही सामने आ गया है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी समेत AICC के नेतृत्व के निर्देश पर राज्य में इस सर्वे को शुरू करने वाले हैं. इसके अलावा, इस सर्वेक्षण प्रक्रिया के शुरू होने के बाद इस तीन महीने में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है.

बीजेपी के हिंदू वोट बैंक पर मंडरा सकता है खतरा

अगर लिंगायत समुदाय के लोग अपनी शीर्ष संस्था की ओर से किए गए आह्वान को स्वीकार करते हैं, तो इससे भारतीय जनता पार्टी (BJP) के मुख्य हिंदू वोट बैंक से एक बड़ी संख्या अलग हो जाएगी.

राज्य में लिंगायत समुदाय की आबादी 11 परसेंट होने का दावा

अखिल भारतीय वीरशैव-लिंगायत महासभा ने लिंगायत समुदाय के लिए यह आह्वान उन रिपोर्टों के सामने आने के बाद किया है, जिसके मुताबिक राज्य में पिछली बार हो चुके सर्वेक्षण में कर्नाटक में उनके समुदाय की संख्या राज्य के कुल जनसंख्या के अनुपात में 11 परसेंट थी, यह आंकड़ा राज्य की 18 प्रतिशत एससी जनसंख्या और मुसलमानों की 13 प्रतिशत जनसंख्या से काफी कम है.

लिंगायत समुदाय के नेताओं ने आंकड़ों पर जताई आपत्ति

हालांकि, लिंगायत समुदाय के नेताओं ने अक्सर राज्य की कुल आबादी में 17 परसेंट हिस्सेदारी होने का दावा किया है. उत्तरी कर्नाटक से लिंगायत समुदाय के नेताओं एमबी पाटिल और लक्ष्मी हेबलकर ने खुले तौर पर अनुमान के आधार पर दावा किए जा रहे जनसंख्या के आंकड़ों पर असहमति जताई थी. उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि समुदाय की आबादी रिपोर्ट में बताए गए आंकड़ों के कहीं ज्यादा है