प्रधानमंत्री मोदी ने GST में बड़े सुधार, समुद्री क्षेत्र में क्रांति, और “चिप से लेकर शिप तक” भारत के आत्मनिर्भर बनने की योजना का खुलासा किया।
पीएम मोदी के राष्ट्रीय संबोधन: मुख्य अपडेट और हाइलाइट्स
[तारीख] को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शाम 5 बजे राष्ट्र को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने भारत के गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) प्रणाली, समुद्री क्षेत्र और विनिर्माण नीतियों में महत्वपूर्ण सुधारों की घोषणा की। उन्होंने भारत को आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य पर जोर देते हुए “चिप से लेकर शिप तक” की अपनी प्रसिद्ध वाक्यांश का उपयोग किया, जो पूरी उत्पादन श्रृंखला की आत्मनिर्भरता को दर्शाता है।
यह संबोधन GST 2.0 सुधारों के लागू होने से पहले आया है और घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देने, व्यापार को सरल बनाने और आर्थिक विकास को तेज करने के लिए कई नई पहलों की घोषणा की गई।
संबोधन की मुख्य बातें
1. GST सुधार: व्यापार को सरल और विकास को बढ़ावा
प्रधानमंत्री ने GST प्रणाली में एक नया ढांचा पेश किया जो अनुपालन को आसान बनाएगा और कर प्रणाली को अधिक पारदर्शी करेगा। उन्होंने बताया कि ये सुधार छोटे व्यवसायों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए लाभकारी होंगे, क्योंकि इससे प्रक्रिया सरल होगी और लागत कम होगी।
2. आत्मनिर्भरता का विजन: “चिप से लेकर शिप तक”
प्रधानमंत्री ने भारत में आवश्यक हर चीज का उत्पादन करने की आवश्यकता पर बल दिया—चाहे वह उच्च तकनीकी सेमीकंडक्टर चिप्स हों या बड़े जहाज। उन्होंने बड़े जहाजों को इंफ्रास्ट्रक्चर स्टेटस देने की घोषणा की, जिससे इस क्षेत्र में वित्तपोषण आसान होगा और विकास को बढ़ावा मिलेगा।
3. समुद्री क्षेत्र में सुधार
मोदी ने “वन नेशन, वन डॉक्यूमेंट” और “वन नेशन, वन पोर्ट” जैसे पहलों का परिचय कराया, जो बंदरगाह संचालन में बाधाओं को हटाकर व्यापार को तेज और कुशल बनाएंगी। सरकार ने शिपयार्ड, बंदरगाह और संबंधित इन्फ्रास्ट्रक्चर के आधुनिकीकरण के लिए ₹70,000 करोड़ से अधिक का निवेश करने की योजना बनाई है।
4. आर्थिक समावेशन और व्यवसाय के लिए सुगमता
प्रधानमंत्री ने कहा कि ये सुधार विशेष रूप से छोटे उद्यमियों को मदद करेंगे, जिससे वे कम कागजी कार्रवाई के साथ व्यापार कर सकेंगे। इन सुधारों से बाजार अधिक प्रतिस्पर्धात्मक होगा और उपभोक्ताओं के लिए कीमतें कम होंगी।
5. 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य
मोदी ने कहा कि भारत स्वतंत्रता के 100 वर्षों तक विकसित राष्ट्र बनेगा, जिसमें तकनीकी प्रगति, विनिर्माण आत्मनिर्भरता और इन्फ्रास्ट्रक्चर का आधुनिकीकरण शामिल होगा।
पीएम मोदी के भाषण के प्रमुख उद्धरण
- “चिप से लेकर शिप तक, भारत को खुद पर निर्भर रहना होगा।”
- “वन नेशन, वन डॉक्यूमेंट और वन नेशन, वन पोर्ट देश में व्यापार को सरल बनाएंगे।”
- “बड़े जहाजों को इंफ्रास्ट्रक्चर स्टेटस देने से वित्तपोषण आसान होगा और शिपबिल्डिंग उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।”
- “GST सुधार भारत की विकास कहानी को तेज करेंगे और व्यापार तथा उपभोक्ताओं पर बोझ कम करेंगे।”
यह संबोधन क्यों महत्वपूर्ण है
यह संबोधन भारत की आयात निर्भरता को कम करने और महत्वपूर्ण क्षेत्रों में घरेलू उत्पादन क्षमता बढ़ाने की रणनीतिक पहल का हिस्सा है। GST और समुद्री उद्योग में सुधार से रोजगार सृजन, व्यापार दक्षता में वृद्धि और भारत के वैश्विक सप्लाई चेन में मजबूती आने की उम्मीद है।
सरकार का विजन केवल आर्थिक विकास तक सीमित नहीं है, बल्कि स्थिरता और समावेशन पर भी केंद्रित है, जिससे भारतीय उद्योग स्वतंत्र रूप से उन्नति कर सकें।