वास्तु शास्त्र एक प्राचीन भारतीय विज्ञान है जो भवन निर्माण, दिशाओं और ऊर्जा संतुलन पर आधारित है। यह मान्यता है कि सही वास्तु से जीवन में सुख, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा आती है। गलत वास्तु दोष जीवन में मानसिक तनाव, धन हानि और स्वास्थ्य समस्याएं ला सकता है।
यहाँ हम आपके लिए लाए हैं 10 सरल लेकिन प्रभावशाली वास्तु टिप्स जो आपके घर को सुखद और सकारात्मक बना सकते हैं।
1. मुख्य द्वार (Main Entrance)
मुख्य द्वार उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में होना शुभ माना जाता है। यह धन और अवसरों को आकर्षित करता है।
टिप: दरवाज़े को साफ और सजावटी रखें। दरवाज़े पर स्वास्तिक या “शुभ-लाभ” लिखना शुभ होता है।
2. रसोईघर (Kitchen)
रसोईघर दक्षिण-पूर्व दिशा में होना चाहिए, क्योंकि यह अग्नि तत्व की दिशा है।
टिप: गैस स्टोव को इस तरह रखें कि खाना बनाते समय आपका मुख पूर्व दिशा की ओर हो।
3. शयनकक्ष (Bedroom)
शयनकक्ष दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए। यह मानसिक स्थिरता और पारिवारिक शांति देता है।
टिप: सिरहाना दक्षिण दिशा में होना चाहिए। उत्तर की ओर सिर रखकर सोना वर्जित है।
4. जल का स्रोत (Water Element)
पानी का टैंक, फव्वारा या एक्वेरियम उत्तर-पूर्व दिशा में रखें। इससे सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
5. दर्पण (Mirror)
दर्पण कभी भी बेड के सामने नहीं होना चाहिए। इससे मानसिक बेचैनी और नींद की समस्याएं हो सकती हैं।
6. तुलसी का पौधा (Tulsi Plant)
तुलसी का पौधा घर के उत्तर, उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में लगाएं। यह घर में पवित्रता और सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखता है।
7. तस्वीरें और पेंटिंग्स (Photos & Paintings)
घर में उदासी या हिंसा दर्शाने वाली तस्वीरें ना रखें। परिवार की खुशी भरी तस्वीरें दक्षिण-पश्चिम दीवार पर लगाना शुभ होता है।
8. घर की सफाई (Cleanliness)
पूर्व और उत्तर दिशा को हमेशा साफ और खुला रखें। गंदगी से नकारात्मक ऊर्जा फैलती है।
9. पूजा स्थान (Pooja Room)
पूजा कक्ष उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए। देवी-देवताओं की मूर्तियाँ दीवार से कुछ इंच दूर रखें।
10. टूटे सामान न रखें (Avoid Broken Items)
टूटी घड़ियां, फर्नीचर या बर्तन घर में वास्तु दोष पैदा करते हैं। इन्हें तुरंत हटाएं।
निष्कर्ष:
वास्तु शास्त्र कोई अंधविश्वास नहीं, बल्कि ऊर्जा और वातावरण का संतुलन है। इन सरल वास्तु टिप्स को अपनाकर आप अपने घर में खुशहाली, स्वास्थ्य और समृद्धि ला सकते हैं।